UP, पंजाब समेत चुनावी राज्यों में दर्ज नहीं हो रहे आंकड़े

WHO ने चेताया है कि ओमिक्रॉन के मामलों में तेजी आ सकती है। मौतों के आंकड़े भी बढ़ सकते हैं। ब्रिटेन में हुई ओमिक्रॉन से पहली मौत ने एक तरह से रेड अलर्ट जारी कर दिया है, लेकिन भारत में चुनावी माहौल में टेस्टिंग की रफ्तार घट गई है। कई राज्यों में तो टेस्टिंग के आकंड़े भी डैश बोर्ड पर दर्ज नहीं किए जा रहे हैं। यह बात गंभीर इसलिए हैं क्योंकि जीनोम सीक्वेंसिंग में यही आंकड़े काम आते हैं। जीनोम सीक्वेंसिंग ही वह जरिया है जिससे वायरस का नेचर पता लगाया जाता है कि वह कितना खतरनाक है।

UP, गोवा, पंजाब, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश के आंकड़े गायब

अगर हम सरकारी डैश बोर्ड पर आंकड़ों को चेक करें तो कम से कम 4 राज्य ऐसे हैं जिनमें 30 अक्टूबर के बाद के टेस्टिंग के आंकड़ों को दर्ज ही नहीं किया गया। इसमें सबसे बड़ा राज्य UP भी शामिल है। अगले साल यहां चुनाव होने हैं, लिहाजा रैलियों पर जोर दिया जा रहा है। हाल ही में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के दौरान PM को सुनने हजारों की तादाद में लोग इकट्ठे हुए। दूसरी तरफ गोवा में तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी एक के बाद एक रैलियां और जनसभाएं करने में लगी हैं। डैश बोर्ड में टेस्टिंग के आंकड़े यहां भी 30 अक्टूबर के बाद जीरो ही नजर आते हैं। मध्य प्रदेश का भी यही हाल है।

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