तालिबान का काल बन रहे ISKP आतंकी

काबुल
अफगानिस्‍तान में बंदूक के बल पर सत्‍ता में आए तालिबानी आतंकियों को अब देश में उन्‍हीं की भाषा में करारा जवाब मिलने लगा है। तालिबान को लगभग हर दिन अपने लड़ाकुओं कुर्बानी देनी पड़ रही है। तालिबान के इस सबसे बड़े दुश्‍मन का नाम है इस्‍लामिक स्‍टेट खोरासन प्रोविंस या आईएसकेपी। ये आईएस आतंकी अब अफगानिस्‍तान के कई प्रांतों में तालिबानियों पर हमले कर रहे हैं। ताजा हमले में मंगलवार रात को आईएसकेपी आतंकियों ने कुनार प्रांत में तीन तालिबानी सैनिकों की हत्‍या कर दी। आइए जानते हैं कि तालिबान राज आने के बाद अफगानिस्‍तान कैसे एक बार फिर से हिंसा के दलदल में फंसता नजर आ रहा है

अफगानिस्‍तान पर कब्‍जा करने के बाद तालिबान ने दावा किया था कि पूरी सुरक्षा दी जाएगी और देश को युद्ध के दलदल से निकाला जाएगा। लेकिन आईएस के हमलों के बाद तालिबान का सुरक्षा दावा खोखला साबित‍ हो रहा है। अफगानिस्‍तान में तालिबान के सत्‍ता में आने के बाद 6 सप्‍ताह बीत चुके हैं और अब तक राजधानी काबुल, जलालाबाद और मजार-ए-शरीफ में आईएस ने हमले किए हैं और उनकी गति‍विधियां तेज हो गई हैं। आईएसकेपी ने ही काबुल एयरपोर्ट पर आत्‍मघाती हमला करके अमेरिकी सैनिकों समेत 180 लोगों की जान ले ली थी।

अमेरिका-तालिबान के बीच डील से खुश नहीं हैं आईएसकेपी आतंकी
दरअसल, आईएसकेपी के आतंकी तालिबान के उस धड़े को अपने साथ मिलाने की कोशिश कर रहे हैं जो अमेरिका का विरोधी है और बहुत ही ज्‍यादा कट्टर माना जाता है। ये लोग अमेरिका और तालिबान के बीच डील से खुश नहीं हैं। यही नहीं आईएस आतंकी इस बात से भी खुश नहीं है कि तालिबान ने शिया समुदाय और अफगानिस्‍तान के अन्‍य अल्‍पसंख्‍यकों के प्रति अपने रुख में बदलाव कर दिया है। आईएसकेपी के आतंकी अभी तक सबसे ज्‍यादा जलालाबाद को निशाना बनाते रहे हैं जो नागरहार प्रांत की राजधानी है।

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