ड्रैगन का ‘उपनिवेश’ बनने की ओर बढ़ रहा पाकिस्तान
इस्लामाबाद
चीनी ड्रैगन का आर्थिक गुलाम बनने की ओर बढ़ रहे पाकिस्तान में अगले 4 साल में 50 लाख चीनी नागरिक काम करने लगेंगे। चीन के बाहर पाकिस्तान को छोड़कर शायद ही कोई ऐसा देश होगा जहां इतनी बड़ी तादाद में चीनी नागरिक काम करेंगे। पाकिस्तान के हेल्थ सर्विसेज अकादमी का अनुमान है कि ये चीनी नागरिक चाइन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर और अन्य परियोजनाओं में काम करेंगे।
चीन इतनी बड़ी तादाद में अपने नागरिकों के पाकिस्तान आने की अभी से तैयारी में जुट गया है। वहीं पाकिस्तान ने भी चीन से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की गुहार लगाई है ताकि इतनी बड़ी तादाद में आने वाले लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराई जा सके। बताया जा रहा है कि चीन अफगानिस्तान और मध्य एशिया के अन्य देशों तक पहुंच बनाने के लिए सीपीईसी का विस्तार अफगानिस्तान तक करेगा जो अभी तक पाकिस्तान के ग्वादर शहर तक है।
सीपीईसी में 60 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश कर रहा चीन
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन पाकिस्तान को अपना आर्थिक उपनिवेश बनाना चाहता है। पाकिस्तान इस समय चीन के कर्ज के तले बुरी तरह से दबा हुआ है। चीन सीपीईसी योजना में 60 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश कर रहा है जो शी जिनपिंग के ड्रीम प्रॉजेक्ट बेल्ट एंड रोड का अहम हिस्सा है। वर्ष 1980 के दशक में पाकिस्तान ने भारत के साथ अपनी शत्रुता के कारण चीन के साथ रिश्ते मजबूत करना शुरू किया।