टीचर ने किया हिंदी गानों का फनी इंग्लिश में ट्रांसलेशन, राष्ट्रपति ने दिया नेशनल अवॉर्ड

बस्तर… इस जिले का नाम सुनते ही लोगों जेहन में हिंसा, पिछड़ापन जैसी तस्वीरें उभर आती हैं, लेकिन अब नया बस्तर तैयार हो रहा है। वक्त के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए बस्तर बदल रहा है। कुछ नया सीख रहा है। नई चीजें सीखने और सिखाने की शुरुआत की है डॉ.प्रमोद शुक्ला जैसे टीचर्स ने।जगदलपुर से 40 किलोमीटर दूर बकावंड ब्लॉक के करपावंड के एकलव्य रेसीडेंशियल मॉडल स्कूल के शिक्षक प्रमोद शुक्ला की इस लगन को देखते हुए देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी उन्हें रविवार को सम्मानित किया है। अफसरों ने बताया है कि पूरे देश का करपावंड एकलव्य विद्यालय ही एकमात्र ऐस विद्यालय है, जिसके शिक्षक डॉ. प्रमोद शुक्ला को इस वर्ष का राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान दिया गया है।प्रमोद शुक्ला

क्लासरूम का माहौल जितना ज्यादा हल्का होगा स्टूडेंट बड़ी से बड़ी चीजें उतनी ही आसानी से समझ जाएंगे। इसी लॉजिक का इस्तेमाल करते हुए मैंने बच्चों के मन से अंग्रेजी का डर दूर करने की सोची। बस्तर के अंदरूनी इलाकों में अंग्रेजी से बच्चे और पालक दूर भागते हैं। साल 2011 में जब मैं यहां आया तो बच्चों से अंग्रेजी के शब्दों को पूछना, उनके बारे में पढ़ाना शुरू किया।

बच्चे इससे जी चुराने लगे। मैं सोमवार को आगे की बेंच में बैठे जिस बच्चे से अंग्रेजी के बारे में पूछता वो मंगलवार को पीछे की बेंच पर बैठा नजर आने लगा। यह बच्चों की अंग्रेजी से बचने के तरीके हुआ करते थे। इसके बाद मैंने बच्चों की रोजमर्रा की जिंदगी में छिपी अंग्रेजी पर उनसे बात करनी शुरू किया। मैंने उनसे कहा कि हॉस्टल में मिलने वाली फैसिलिटी उसके बारे में लिस्ट बनाकर लाइए। बच्चे इसके बाद शर्ट, पैंट, लाइट, शैंपू, इलेक्ट्रिसिटी जैसे शब्द लिखकर लाने लगे। वह गलती भी कर रहे थे, मगर तब मैंने सुधारने से ज्यादा पहले सीखने पर जोर दिया। इसके बाद धीरे-धीरे हमने उनके शब्दों को ठीक करने पर काम किया, फिर बच्चों की अंग्रेजी उच्चारण पर हम काम करते गए।

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