177 भाले और 1617 दिन कड़ी ट्रेनिंग, गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा पर 5 वर्ष में खर्च हुए 7 करोड़
नई दिल्ली
इंडियन आर्मी में सूबेदार नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर का भाला फेंकते हुए ओलिंपिक में इतिहास रच दिया। 23 वर्षीय नीरज ने ओलिंपिक इतिहास में ऐथलेटिक्स (ट्रैक ऐंड फील्ड) का पहला मेडल (गोल्ड मेडल) भारत की झोली में डाला। भारत का यह 7वां मेडल भी था, जो अब तक के ओलिंपिक में किया गया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले 2012 लंदन ओलिंपिक में भारतीय ऐथलीटों ने 6 मेडल अपने नाम किए थे।
नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल में सबसे बड़ा हाथ उनकी कड़ी ट्रेनिंग का रहा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने पिछले 5 वर्षों में 1617 दिन कड़ी ट्रेनिंग की थी। इसमें 450 दिन की गई यूरोप में ट्रेनिंग भी शामिल है। इस दौरान उन्हें 177 जैवलिन उपलब्ध कराए गए। सूत्रों के अनुसार, उनकी ट्रेनिंग पर पिछले 5 वर्षाें में कुल 7 करोड़ रुपये खर्च हुए।
विदेशी कोच और पर्सनल फिजियो
नीरज की जरूरत के अनुसार उन्हें विदेशी कोच डॉ क्लाउस बार्टोनिएट्स और पर्सनल फिजियोथेरेपिस्ट भी उपलब्ध कराया गया था। उन्हें केंद्र सरकार की प्रशिक्षण और प्रतियोगिता के वार्षिक कैलेंडर और टारगेट ओलिंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) में भी शामिल किया था और फंड में कोई कमी नहीं होने दी गई।