छत्तीसगढ़ में मछली पालन को कृषि का दर्जा

रायपुर
छत्तीसगढ़ में मछली पालन (Fish Farming In Chhattisgarh) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इसे कृषि का दर्जा दे दिया है। भूपेश कैबिनेट (Bhupesh Cabinet Decision) ने 20 जुलाई को हुई बैठक में इस फैसले पर मुहर लगा दी है। इससे प्रदेश के मछुआरों और मत्स्य कृषकों को कई तरह की सहूलियतें मिलेंगी। मत्स्य पालन के लिए किसानों के समान ब्याज रहित ऋण सुविधा मिलने के साथ ही जलकर और विद्युत शुल्क में भी छूट का लाभ मिलेगा।

राज्य में ढाई सालों में मत्स्य बीज उत्पादन के मामले में 13 प्रतिशत और मत्स्य उत्पादन में 9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। कृषि का दर्जा मिलने से मत्स्य पालन के क्षेत्र में राज्य अब और तेजी से आगे बढ़ेगा, यह संभावना प्रबल हो गई है। छत्तीसगढ़ में मत्स्य पालन के लिए अभी मछुआरों को एक प्रतिशत ब्याज पर एक लाख तक और तीन प्रतिशत ब्याज पर अधिकतम 3 लाख रुपए तक ऋण मिलता था। इस क्षेत्र को कृषि का दर्जा मिलने से अब मत्स्य पालन से जुड़े लोग सहकारी समितियों से अब अपनी जरूरत के अनुसार शून्य प्रतिशत ब्याज पर सहजता से ऋण प्राप्त कर सकेंगे। किसानों की तरह मत्स्य पालकों और मछुआरों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिलेगी।

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