नारी शक्ति पर कल्कि का बयान: “मां बनना ही सबसे बड़ा एम्पावरमेंट”
मुंबई: ‘नवरात्रि के पहले दिन मुझे सबसे ज्यादा खुशी तब हुई जब मेरी बेटी अपनी नैनी (हेल्पर) के साथ पड़ोस में जाकर डांडिया और गरबा कर रही थी। मेरा मानना है कि ऐसे त्योहार समुदाय को जोड़ते हैं, पड़ोसियों से बातचीत बढ़ाते हैं और एक-दूसरे की संस्कृति का हिस्सा बनने का मौका देते हैं। अपनी बेटी को इस तरह उत्साह और खुशी के साथ जुड़े देखना बेहद सुखद अनुभव था।’
बचपन में सोचती थी- काश मेरे दस हाथ होते