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गोल्डी बरार पर भी असर डाल सकता है कनाडा का फैसला

नई दिल्ली। कनाडा की कंजरवेटिव पार्टी ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की है, आरोप लगाते हुए कि यह गिरोह देश में बढ़ती हिंसा के लिए जिम्मेदार है। एबीपी न्यूज़ को भेजे अपने एक्सक्लूसिव जवाब में कनाडा के पब्लिक सेफ्टी डिपार्टमेंट ने कहा कि समीक्षा के दौरान किसी संगठन पर टिप्पणी नहीं की जाती—यह एक “चालू प्रक्रिया” है।

मांग और पृष्ठभूमि
ब्रिटिश कोलंबिया, अल्बर्टा और सरे के शीर्ष नेताओं ने भी पहले इस गैंग को क्रिमिनल कोड के तहत आतंकवादी संगठन घोषित करने की अपील की थी। विपक्षी सांसद फ्रैंक कैपुटो का कहना है कि बिश्नोई गैंग रंगदारी, गोलीबारी और चरम हिंसा के जरिए डर का माहौल बनाता है, जो आतंकवाद की परिभाषा में आता है।

गोल्डी बरार पर असर
भारत सरकार पहले ही गैंग के प्रमुख सदस्य गोल्डी बरार को UAPA के तहत आतंकवादी घोषित कर चुकी है। अगर कनाडा ने बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन की सूची में डाला, तो गोल्डी बरार की संपत्ति जब्त हो सकती है और उसे उम्रकैद तक का सामना करना पड़ सकता है।

कानूनी असर
कनाडा के कानून के मुताबिक, किसी आतंकी संगठन या उसके सदस्यों को आर्थिक मदद, यात्रा सुविधा या भर्ती में सहायता देना गैर-कानूनी है। सूचीबद्ध संगठनों की संपत्ति सरकार फ्रीज़ कर सकती है, और बैंकों को इसकी पूरी जानकारी देनी होती है।

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