करोड़ों खर्च ओलम्पिक पर, लेकिन कोचिंग के लिए खाली हैं स्टेडियम
मैदानों में खिलाड़ी बढ़े, लेकिन कोच नहीं; 140 पदों पर अब मिली मंजूरी
नई दिल्ली। राजस्थान में पिछले 13 वर्षों से खेल प्रशिक्षकों की स्थायी भर्ती अटकी हुई है। प्रदेश में खिलाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए मैदानों में कोचों का घोर अभाव है। हर सरकार ने नियुक्तियों का आश्वासन दिया, लेकिन बदलती नीतियों और प्रक्रियाओं के कारण ये भर्तियां धरातल पर नहीं उतर सकीं।
हाल ही में राज्य सरकार ने 140 प्रशिक्षकों की भर्ती के लिए मंजूरी दी है। राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद को वित्त विभाग से अनुमति मिलने के बाद यह जिम्मा अब कर्मचारी चयन बोर्ड को सौंपा गया है।
2012 के बाद कोई नियमित भर्ती नहीं
विशेषज्ञों का कहना है कि 2012 के बाद कोई नियमित भर्ती नहीं हुई है। इससे खिलाड़ियों को आधुनिक संसाधनों और मैदानों का लाभ नहीं मिल पा रहा। सरकार द्वारा दो बार भर्तियों की घोषणा हुई — 2012 और 2023 में, लेकिन दोनों ही बार ये प्रक्रिया अधूरी रह गई। पिछली बार अक्टूबर 2023 में आवेदन लिए गए, लेकिन चुनाव आचार संहिता के चलते भर्ती रुक गई।