केदारनाथ यात्रा में टनल लाएगी क्रांति, श्रद्धालुओं के बचेंगे 7 घंटे
देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा को लेकर लगातार हर साल श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ रहा है. हर साल औसतन 50 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं. यह संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है. सबसे ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचते हैं. साल 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ यात्रा मार्ग और भी ज्यादा लंबा और कठिन हो गया है. ऐसे में भारत सरकार ने जिस कवायद को साल 2022 में शुरू किया था, अब उस पर अंतिम मुहर लग गई है. भारत सरकार केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा और यात्रा को सुगम बनाने के लिए एक 7 किलोमीटर की लंबी टनल बनाने की प्लानिंग में अंतिम कदम रख चुकी है.
टनल से मिलेगी भक्तों को चढ़ाई से राहत: साल 2013 की आपदा के दौरान कई श्रद्धालुओं की मौत हुई थी. आपदा के बाद कई सालों तक श्रद्धालुओं के कंकाल केदारनाथ पैदल मार्ग पर मिलते रहे. केदारनाथ आपदा के बाद सरकार ने नए रास्ते के जरिए श्रद्धालुओं को भेजना शुरू किया. परंतु यह रास्ता और भी लंबा हो गया. अब भारत सरकार के केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने केदारनाथ तक सुरंग बनाने का प्लान तैयार किया है.
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिशासी अभियंता ओमकार पांडे की मानें तो भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के द्वारा चौमासी से लेकर लिनचोली तक पहाड़ का सर्वे पूरा कर लिया गया है. पहले टनल का काम या कहें कि सर्वे गौरीकुंड से रामबाड़ा तक होना था. लेकिन अब जिस मार्ग का सर्वे किया गया है, उस मार्ग पर इस बात को सुनिश्चित कर लिया गया है कि कोई भी भूस्खलन या पहाड़ दरकने जैसी घटना इस क्षेत्र में नहीं होगी अगर टनल तैयार होती है.