इनकम टैक्स नोटिस आया है? घबराएं नहीं, इन बातों का रखें ध्यान और जल्द निपटाएं मामला

व्यापार : आयकर विभाग ने हाल ही में कई करदाताओं को नोटिस भेजा है। आयकर नोटिस मिलना चिंताजनक हो सकता है, लेकिन अक्सर इसका मतलब बड़ी मुसीबत नहीं होता। कई नोटिस तो बस सामान्य संदेश होते हैं या उसमें विभाग की ओर से मांगी गई जानकारियां होती हैं। खासकर जब ज्यादातर चीजें ऑनलाइन हो गई हैं। ऐसा तब होता है, जब आपकी ओर से घोषित आय फॉर्म 26एएस या एआईएस (वार्षिक सूचना विवरण) में उपलब्ध आंकड़ों से मेल नहीं खाती।

इनमें सामान्य कारणों से दस्तावेज गुम होना, पर्याप्त सबूत के बिना कटौती का दावा करना या कुछ ब्याज आय की सूचना नहीं देना शामिल है। इसके अलावा, उच्च मूल्य वाले लेनदेन और क्रेडिट कार्ड से किए गए बड़े खर्च भी नोटिस मिलने की वजह हो सकते हैं। आपको भी आयकर नोटिस मिला है, तो चिंता की कोई बात नहीं है। आप नोटिस में पूछे गए सवालों का सटीक जवाब दें और इसे समय पर भेजें।

अलग-अलग मकसद: आयकर कानून की विभिन्न धाराओं के तहत नोटिस जारी किए जाते हैं। हर नोटिस का अलग उद्देश्य होता है।

धारा-143(1): आयकर विभाग आपके भरे गए आईटीआर की जानकारियों की तुलना अपने पास पहले से मौजूद डाटा से करता है, जिसमें टीडीएस विवरण, बैंक ब्याज या अन्य स्रोतों से आय शामिल है। इसमें कोई गड़बड़ी पाए जाने पर विभाग नोटिस भेज सकता है।

धारा-139(9): इसके तहत गलत जानकारी देने या सूचनाओं के अभाव में आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।

धारा-143(2): इसके तहत नोटिस मिलने का अर्थ है कि एक आयकर अधिकारी आपकी कमाई, कटौतियों और दावों की पुष्टि के लिए रिटर्न फॉर्म में दी गई जानकारियों की जांच करेगा।

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