भारत की आयुष प्रणाली को WHO ने सराहा, रिपोर्ट में मिला विशेष स्थान

नई दिल्ली: वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार के क्षेत्र में भारत को बड़ी उपलब्धि मिली है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में भारत के आयुष इनोवेशन और उसमें एआई के अग्रमी प्रयासों को शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट का शीर्षक है “पारंपरिक चिकित्सा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग का मानचित्रण”।

आयुष मंत्रालय ने शनिवार को बातया कि डब्ल्यूएचओ की यह रिपोर्ट भारत के ही एक प्रस्ताव पर आधारित है। इसके बाद परंपरागत चिकित्सा में एआई के उपयोग के लिए यह पहली वैश्विक रूपरेखा तैयार की गई।

रिपोर्ट में भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को किया गया शामिल

इस रिपोर्ट में भारत के आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धतियों में एआई-आधारित कई नवाचारों को शामिल किया गया है। रिपोर्ट में प्राकृति मूल्यांकन, नाड़ी परीक्षण, जीभ निरीक्षण जैसे पारंपरिक तरीकों को मशीन लर्निंग और डीप न्यूरल नेटवर्क्स से जोड़ने वाले डायग्नोसिस सपोर्ट सिस्टम्स की सराहना की गई है। ये प्रयास निदान सटीकता को बढ़ा रहे हैं और व्यक्तिगत देखभाल को सक्षम बना रहे हैं।

आयुर्जेनोमिक्स को मिला वैश्विक मंच

रिपोर्ट में एक विशेष नवाचार “आयुर्जेनोमिक्स” का उल्लेख किया गया है। यह एक वैज्ञानिक उपलब्धि है जो जीनोमिक्स को आयुर्वेदिक सिद्धांतों के साथ जोड़ती है। इनसे बीमारी की भविष्यवाणी और व्यक्तिगत स्वास्थ्य अनुशंसा को एआई के माध्यम से संभव बना रही है। साथ ही, पारंपरिक हर्बल दवाओं की आणविक संरचना को समझकर उन्हें आधुनिक बीमारियों में दोबारा उपयोग के लिए तैयार करने की दिशा में भारत के प्रयासों को बड़ी उपलब्धि बताया गया है।

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