सार्वजनिक उपयोग के स्थायी प्रकृति के ठोस काम कराए जाएं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
12 जिलों में 502 करोड़ की लागत से विकास कार्यों को मिली सैद्धांतिक स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने बैठक में जिला खनिज प्रतिष्ठान के भाग-ख में विकास कार्यों को दी मंजूरी
भोपाल : बुधवार, मई 7, 2025, 19:31 IST
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जिला खनिज प्रतिष्ठान के तहत अर्जित फंड एक रिजर्व फंड है। इस फंड से जिलों के खनन प्रभावित क्षेत्रों में सार्वजनिक हित और सबके उपयोग के लिए स्थायी प्रकृति के ठोस काम ही कराए जाएं। काम ऐसे हों, जिसका लाभ अधिकतम लोगों को मिले। इस (डीएमएफ) मद से स्कूल भवन, अस्पताल, सामुदायिक भवन, औषधालय भवन, पशु चिकित्सालय/औषधालय, खेल मैदान सहित विशेष पिछड़े एवं कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) की बसाहट क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार स्थायी श्रेणी के काम कराए जाएं। उन्होंने कहा कि अस्थायी प्रकृति के एवं मरम्मत आदि के काम संबंधित विभागों के विभागीय बजट से कराए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में जिला खनिज प्रतिष्ठान के भाग-ख के तहत हो सकने वाले विकास कार्यों की मंजूरी के लिए आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के खनन क्षेत्रों वाले जिलों में जिला खनिज प्रतिष्ठान से प्राप्त राशि में से 502 करोड़ रूपए की लागत से होने वाले विभिन्न विकास कार्यों को सैद्धांतिक स्वीकृति दी। इस निर्णय से खनन प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के विकास एवं उन्नयन कार्य किए जा सकेंगें। सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद अब जिला खनिज प्रतिष्ठान से प्रदेश के डिण्डौरी, शहडोल, अनूपपुर, बड़वानी, दमोह, छिंदवाड़ा, सिवनी, अलीराजपुर, शिवपुरी, सागर, रीवा, बैतूल आदि जिलों में विभिन्न श्रेणी के विकास कार्य कराए जाएंगे। इनमें डिण्डौरी जिले में आयुर्वेदिक महाविद्यालय का निर्माण, शहडोल जिले की सोन नदी पर बैराज/एनिकट का निर्माण, अनूपपुर जिले के कोतमा के चिकित्सालय में 100 बिस्तरीय अधोसंरचना का निर्माण प्रमुख रूप से किया जाएगा। इसके अतिरिक्त बड़वानी जिले में भीलटदेव मंदिर नागलवाड़ी के तलहटी से मंदिर तक पहुंच मार्ग का निर्माण भी डीएमएफ मद से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिन कामों को जल्द से जल्द पूरा कराया जा सकता हो, वे काम पहले कराए जाएं। स्कूलों में आवश्यकतानुसार पेयजल व्यवस्था के लिए टंकी निर्माण, बाउंड्री वॉल निर्माण जैसे काम तत्काल कराए जाएं, ताकि विद्यार्थियों को इनका शीघ्र लाभ मिले।
मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव खनिज साधन श्री उमाकांत उमराव तथा संचालक प्रशासन एवं खनिकर्म श्री फ्रेंक नोबल.ए. सहित अन्य विभागीय अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।