दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित, पद से हटाए गए


सियोल। दक्षिण कोरिया का संयुक्त जांच दल बुधवार को महाभियोग लगाए गए राष्ट्रपति यून सूक येओल को विद्रोह और सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों पर तलब करेगा। इसकी जानकारी सोमवार को कई मीडिया संस्थानों ने दी।

वहीं, दक्षिण कोरिया की संसद ने शनिवार (14 दिसंबर 2024) को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास कर दिया। इस प्रस्ताव के लिए हुए मतदान में कुल 300 सांसदों ने हिस्सा लिया। इसमें 204 सांसदों ने महाभियोग के पक्ष में और 85 ने इसके खिलाफ वोट दिया।

रिपोर्ट के अनुसार, टीम राष्ट्रपति कार्यालय को एक समन देने वाली थी, जिसमें यून को 18 दिसंबर को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया था। ये यून के मार्शल लॉ लागू करने की जांच का हिस्सा था।

टीम में उच्च पदस्थ अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ), राष्ट्रीय जांच कार्यालय (एनओआई) और रक्षा मंत्रालय के जांच मुख्यालय शामिल हैं।

यून पर महाभियोग चलाने का दूसरा प्रस्ताव शनिवार को नेशनल असेंबली में पारित किया गया और इसे 180 दिनों तक विचार-विमर्श के लिए संवैधानिक न्यायालय में भेजा गया, जिसके दौरान यून की राष्ट्रपति पद की शक्ति निलंबित रहेगी।

यून ने 3 दिसंबर की रात को आपातकालीन मार्शल लॉ घोषित किया, लेकिन कुछ घंटों बाद ही नेशनल असेंबली ने इसे रद्द कर दिया था।

जांच एजेंसियों ने विद्रोह के आरोप में संदिग्ध के रूप में यून का नाम लिया था और उनके देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने कथित तौर पर विद्रोह सहित अन्य आरोपों की जांच कर रहे अभियोजकों के समन का पालन नहीं किया था, क्योंकि मार्शल लॉ घोषित करने के बाद उन पर महाभियोग चलाया जा रहा है।

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