‘स्त्रीधन’ की इकलौती मालकिन है महिला, पिता उसे वापस करने की नहीं कर सकते मांग : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि शादी के समय माता-पिता की तरफ से दिए जाने वाले सोने के आभूषण और अन्य सामान, जिन्हें ‘स्त्रीधन’ कहा जाता है, पर सिर्फ और सिर्फ महिला का ही अधिकार है। कोर्ट ने आगे कहा कि तलाक के बाद, महिला के पिता को उसके पूर्व ससुराल वालों से उन उपहारों को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं है।

आगे बढ़ने से पहले ये समझना जरूरी है कि आखिर स्त्रीधन होता क्या है। ‘स्त्रीधन’ वह संपत्ति है जिस पर किसी महिला को पूर्ण अधिकार होता है। जिसका इस्तेमाल वह बिना किसी रोक-टोक के कर सकती है। महिला की शादी के समय या उससे पहले या फिर शादी के बाद या बच्चे के जन्म के समय उसे जो कुछ भी गिफ्ट के रूप में मिलता है, चाहे वह जूलरी हो, कैश हो, जमीन हो, मकान हो…उसे ‘स्त्रीधन’ कहा जाता है। ‘स्त्रीधन’ के दायरे में सिर्फ शादी के समय, बच्चे के जन्म या किसी त्योहार पर महिला को मिले गिफ्ट नहीं आते बल्कि उसके जीवनकाल में उसे जो कुछ भी उपहार के रूप में मिलता है, वो सब इसके दायरे में आते हैं। इस धन पर सिर्फ और सिर्फ महिला का अधिकार होता है।

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