चेकबुक डिप्लोमैसी खत्म करेगा सऊदी अरब; पाकिस्तान को अब भी चुकाने हैं 5.2 अरब डॉलर

सऊदी अरब दशकों से चले आ रहे कूटनीति मंत्र में बदलाव करने जा रहा है। प्रिंस सलमान की अगुआई वाली सऊदी सरकार अब चेकबुक डिप्लोमैसी खत्म कर रही है। इसका खामियाजा पाकिस्तान समेत कई देशों को उठाना पड़ सकता है।

पाकिस्तान को सऊदी अरब ने 2018 में 6.2 अरब डॉलर दिए थे। इसमें 3 अरब डॉलर का लोन और 3.2 अरब डॉलर की ऑयल क्रेडिट फैसिलिटी थी। पाकिस्तान इसमें से 1 अरब डॉलर लौटा चुका है। उसने इसके लिए भी चीन से कर्जा लिया था। हालांकि, अब भी इसे 5.2 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है।

सऊदी अरब अब तक दुश्मन का दुश्मन दोस्त और उसको आर्थिक मदद की नीति पर चलता आया है। महामारी से आई मंदी ने उसे इसमें बदलाव पर मजबूर कर दिया है।

मुस्लिम वर्ल्ड का पावरहाउस
न्यूज एजेंसी ने सऊदी अरब की बदलती डिप्लोमैसी या कहें विदेश नीति पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि सऊदी सरकार और प्रिंस सलमान अब मुस्लिम वर्ल्ड में पावरहाउस बने रहने के लिए खजाना खाली नहीं करेंगे।

पैसे देने का फायदा नहीं हुआ
मिडिल-ईस्ट मामलों की एक्सपर्ट यास्मिन फारुख के मुताबिक- महामारी के दौरान ऑयल डिमांड कम हुई। भाव भी तेजी से गिरे। इसका गंभीर असर सऊदी अरब की अर्थ व्यवस्था पर पड़ा। इतना ही नहीं ईरान, तुर्की और कतर जैसे देश उसे आंखें दिखाने लगे। यह सऊदी अरब के दबदबे पर सवालिया निशान भी है। जॉर्डन, मिस्र, फिलिस्तीन और पाकिस्तान जैसे देशों ने सऊदी से लाखों पेट्रो डॉलर लिए। लेकिन, सऊदी अरब को लगता है कि बदले में उसका ज्यादा फायदा नहीं हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *