मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहर के भंवरासला के अनुपयोगी तालाब को उपयोगी बनाने
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नागरिकों का आव्हान किया है कि वे समय की जरूरत को पहचान कर पानी के अपव्यय को रोके तथा जल का अधिक से अधिक संचय करें। पर्यावरण सुधार के लिये अधिक से अधिक वृक्षारोपण भी किया जाये। डॉ. यादव ने कहा कि गिरता हुआ भू-जल स्तर चिंता का विषय है। भू-जल स्तर में वृद्धि के लिये सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। समय की जरूरत को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान प्रारंभ किया गया है। यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।
डॉ. यादव इंदौर शहर के भंवरासला में स्थित एक अनुपयोगी तालाब को उपयोगी बनाने, उसकी जल क्षमता बढ़ाने तथा उसके सौंदर्यीकरण के लिये आयोजित श्रमदान कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय और जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और नागरिकों के साथ श्रमदान किया। कार्यक्रम में सांसद श्री शंकर लालवानी, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती रीना मालवीय, विधायक श्री रमेश मेंदोला, श्री महेंद्र हार्डिया श्री, गोलू शुक्ला तथा श्री मधु वर्मा, श्री गौरव रणदिवे, श्री चिंटू वर्मा, एमआईसी मेम्बर श्री अभिषेक शर्मा, मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष श्री सावन सोनकर सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी विशेष रूप से मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह अभियान पूरे प्रदेश को जल से समृद्ध करेगा और पर्यावरण सुधार की दिशा में बड़ा कदम होगा। उन्होंने कहा कि वैसे तो यह अभियान आज गंगा दशमी पर संपन्न हो रहा है, परंतु यह अभियान जल की महत्ता को देखते हुए न थमेगा, ना ही रुकेगा अनवरत चलता रहेगा। उन्होंने कहा जल से जीवन जुड़ा हुआ है। शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है। इसमें से अगर एक भी तत्व कम हो जाता है तो जीवन का अस्तित्व समाप्त हो जाता है। जीवन के लिये एक तत्व जल भी है, जिसे बचाया जाना अत्यंत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें जल की उपयोगिता को समझना होगा। जल को बचाना होगा। इसके अपव्यय को रोकना होगा। जल का अधिक से अधिक संचय किया जाना चाहिए।