लालू की सियासी फिल्डिंग से NDA में खलबली

पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव आहिस्ता-आहिस्ता समीकरण बिठाने में लगे हैं। टिकट बंटवारे से लेकर उम्मीदवार चयन तक इसकी झलक साफ दिखाई देती है। इससे भी आगे बढ़ कर लालू जातीय समीकरण को नया स्वरूप देने में अभी तक सफल रहे हैं। तेजस्वी यादव ने आरजेडी के एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण से एक कदम आगे बढ़ कर बाप (BAAP) यानी बैकवर्ड, आधी आबादी, और गरीबों के समीकरण की अवधारणा स्थापित की। BAAP में जातियों का कोई वर्गीकरण नहीं है। संभव है यह कन्सेप्ट लालू यादव ने ही उन्हें दिया हो। दरअसल लालू को लोकसभा चुनाव की चिंता उतनी नहीं है, जितनी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की बेचैनी उनमें दिखती है। उन्हें पूरा यकीन है कि तेजस्वी 2020 में अपने बूते जितना कर पाए, उससे आगे निकलने में मामूली मेहनत और कुशल रणनीति की ही जरूरत है।

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