अमरनाथ यात्रा के लिए कश्मीर से ज्यादा जम्मू सेंसिटिव

‘मैं तीसरी बार अमरनाथ यात्रा पर आया हूं। पहले 2002 और 2011 में आया था। पहले के मुकाबले देखें, तो इस बार यात्रा बहुत आसान हो गई है। सिक्योरिटी पहले से बहुत ज्यादा है। देखिए, हर तरफ फोर्स ही फोर्स है। रास्ते चौड़े कर दिए हैं। यात्रा सिस्टमैटिक तरीके से चल रही है। हालांकि ये कोई नॉर्मल यात्रा नहीं है, थोड़ी भी ढिलाई बरती, तो जान जा सकती है।’

ये विनोद यादव हैं, उम्र 48 साल। मध्य प्रदेश के इंदौर से अमरनाथ यात्रा के लिए आए हैं। कश्मीर के पहलगाम में बने बेस कैंप में ठहरे थे।

सबसे मुश्किल धार्मिक यात्राओं में शामिल अमरनाथ धाम यात्रा 1 जुलाई से शुरू हो चुकी है। अब तक 2.9 लाख लोग जमीन से 3,888 मीटर ऊंचाई पर बाबा बर्फानी की गुफा के दर्शन कर चुके हैं। 50 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई, ऑक्सीजन की कमी, बारिश, बर्फबारी, तेज हवा.. अमरनाथ यात्रा में एडवेंचर भी है और आध्यात्मिक शांति भी। हालांकि, इस बार यात्रा में 30 लोगों की मौत हो चुकी है।

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