किसान आंदोलन की तरह आखिर क्यों वेस्ट यूपी बन रहा पहलवानों के प्रदर्शन का केंद्र
मेरठ: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के आंदोलन का केंद्र आहिस्ता-आहिस्ता वेस्ट यूपी बनता जा रहा है। यहां से आंदोलन के पक्ष में मजबूत आवाज उठ रही है। किसान, सामाजिक संगठन, महिला संगठन, पहलवानों के सजातीय संगठन हर दिन आंदोलन कर रहे हैं। सपा, रालोद, कांग्रेस, आजाद समाज पार्टी वेस्ट यूपी में उनके साथ खड़ी हैं। किसान बेल्ट वेस्ट यूपी को सियासी तौर पर खुद के लिए कमजोर कड़ी समझने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आंदोलन के बाद उभर रहे समीकरण पर पैनी नजर रख रही है।
पहलवानों का एक दल दिल्ली में जंतर मंतर पर एक महीने से अधिक वक्त से आंदोलन कर रहा है। नई संसद के उद्घाटन के दिन जिस तरह पहलवानों के पक्ष में हरियाणा, पंजाब और खासकर वेस्ट यूपी के किसानों के साथ-साथ दूसरे लोग भी दिल्ली की सीमा पर जाकर डटे, उससे जानकारों को लगने लगा था कि वेस्ट यूपी इस आंदोलन का केंद्र बनने जा रहा है। खासकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत और प्रवक्ता राकेश टिकैत की सक्रियता ने सरकारी मशीनरी और सरकार के कान खड़े कर दिए। संसद के उद्घाटन वाले दिन पहलवानों पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर लिखी, उनको जबरन हिरासत में लिया और धरना समाप्त करा दिया।