मुख्तार का IS-191 गैंग और 15 हजार करोड़ किसके होंगे

‘अतीक अहमद तो गया, अब मुख्तार अंसारी निपट जाए तो पूर्वांचल से माफियागिरी भी निपट जाएगी।’ अच्युतानंद गुस्से में ये बोलते जाते हैं। वे सच्चिदानंद राय के भाई हैं, जिनका 17 जुलाई 1986 को मर्डर हुआ। मुख्तार अंसारी का पहला सबसे बड़ा केस यही माना जाता है।

एक वक्त था, जब मुख्तार के सामने DM-SP सिर झुकाए खड़े रहते थे। अब माहौल बदल गया है। बीते 3 साल में उसकी 576 करोड़ की प्रॉपर्टी पर UP सरकार बुलडोजर चला चुकी है। आधा परिवार जेल में है, आधा फरार।

29 अप्रैल को गाजीपुर MP-MLA कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट केस में मुख्तार को 10 साल और उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई है। एक साल में मुख्तार को किसी मामले में मिली ये चौथी सजा है। मुख्तार समेत अंसारी परिवार पर कुल 97 केस दर्ज हैं। खुद जेल में है। बेटा-बहू भी जेल में हैं। पत्नी और छोटा बेटा फरार हैं।

क्या अतीक की तरह अब मुख्तार का साम्राज्य ढह रहा है। ऐसा है तो उसकी 15 हजार करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्ति का क्या होगा? उसके IS-191 गैंग को कौन संभालेगा? परिवार में तीन भाई हैं, सिबकतुल्लाह, अफजाल और मुख्तार। क्या अब इनके बेटों में ही संपत्ति और राजनीतिक विरासत की जंग होने वाली है। इन सवालों के जवाब के लिए हम मऊ और गाजीपुर पहुंचे।

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