पैसा बन रहा है चीन और पाकिस्‍तान के बीच दोस्‍ती में दरार की वजह!

कराची: चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) 2013 में शुरू हुआ था। इस पर अब तक 62 अरब डॉलर खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन कर्ज में डूबा पाकिस्तान पुराने कर्ज चुकाने को और कर्ज के लिए इधर-उधर भटक रहा है। पाकिस्तानी परमाणु भौतिक विज्ञानी और कार्यकर्ता परवेज हुडभाय ने डॉन में लिखा है, पाक-चीन दोस्ती के अटूट बंधन तनाव में है। उन्होंने कहा, अधिकांश आईपीपी सौदों को एक घोटाला माना जाता है। इसलिए चीनी कंपनियों को कर छूट है। चीन से शुल्क मुक्त आयात ने कई स्थानीय निमार्ताओं को दिवालियापन के लिए प्रेरित किया है। पाकिस्तान के लिए मार्शल योजना के रूप में सीपीईसी की बकवास है। युद्ध से यूरोप बर्बाद हो गया था, लेकिन पाकिस्तान अपने ही कामों के कारण घुटनों के बल गिर गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *