5 साल में स्मॉल सेविंग्स डिपॉजिट दोगुना से ज्यादा

बैंक डिपॉजिट के मुकाबले पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं ज्यादा तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। बीते पांच साल में स्मॉल सेविंग्स डिपॉजिट दोगुना हो गया, जबकि बैंक डिपॉजिट डेढ़ गुना ही बढ़े। ज्यादा ब्याज दरें इसकी सबसे बड़ी वजह रही।

बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016-17 में छोटी बचत जमा राशि और बैंक डिपॉजिट का अनुपात 4.4% था, जो 2021-22 में बढ़कर 5.8% हो गया। इस बीच कभी भी कुल डिपॉजिट में छोटी बचत योजनाओं की हिस्सेदारी नहीं घटी। यह स्थिति तब है, जब डिपॉजिट बढ़ाने के लिए बैंक अभियान चला रहे हैं।

छोटी बचत योजनाओं की हिस्सेदारी लगातार बढ़ी
फरवरी 2022 तक बैंकों में कुल डिपॉजिट 170.2 लाख करोड़ का था। इसके मुकाबले स्मॉल सेविंग्स डिपॉजिट सिर्फ 9.9 लाख करोड़ था। बीते पांच सालों में बैंक डिपॉजिट जहां 55.4 लाख करोड़ रुपए बढ़ा वहीं स्मॉल सेविंग्स डिपॉजिट में 4.6 लाख करोड़ रुपए की ही बढ़ोतरी हुई। लेकिन इस बीच कुल जमा में छोटी बचत योजनाओं की हिस्सेदारी लगातार बढ़ी है।

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