संजय राउत की जेल से मां को चिट्ठी
पात्रा चॉल स्कैम में जेल बंद शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने 4 पन्नों की चिट्ठी अपनी मां को लिखी है। चिट्ठी में ED की रेड से लेकर सरकार गिराने तक का जिक्र किया गया है। राउत की यह चिट्ठी ऐसे वक्त में आई है, जब शिवसेना का पुराना सिंबल तीर-कमान फ्रीज कर दिया गया है।
राउत ने लिखा है- वीर शिवाजी दूसरों के घर में ही क्यों जन्म ले। शिवसेना को बचाने के लिए मुझे लड़ना ही होगा। मैं गुलामी की जिंदगी नहीं जी सकता था, इसलिए जेल की जिंदगी स्वीकार किया।
प्रिय मां,
जय महाराष्ट्र !
अभी-अभी ED की रिमांड खत्म हुई, बाहर बैठकर पत्र लिख रहा हूं। ED के अधिकारी जब रेड के दौरान घर में घुसे, तब तुम बालासाहेब की तस्वीर के नीचे मजबूती से बैठी रही। मसाले, नमक और आटे समेत किचन के हर डिब्बे की अधिकारियों ने तलाशी ली, तब भी तुम कुछ नहीं बोली और चुप रही।
उस शाम को जब मुझे गिरफ्तार कर ले जाया जा रहा था, तब तुमने मुझे गले लगाया और जल्दी आना कह कर खिड़की से बाय बोली। ठीक उसी तरह जैसे मैं सामना का दफ्तर जा रहा हूं। मगर, इस बार मैं जल्दी नहीं आ पाया।
ये एक बड़ी लड़ाई है। लड़ाई ऐसी ही होती है, सैनिक भी सीमा पर डटे हैं। कुछ तो वापस भी नही आते। महाराष्ट्र और देश की आत्मा को कोई ऐसे कैसे मार सकता है? वीर शिवाजी दूसरों के घर में ही क्यूं जन्म ले। शिवसेना को बचाने के लिए मुझे लड़ना ही होगा। मै भी महाराष्ट्र के और शिवसेना के दुश्मनों के आगे झुकूंगा नही, जल्दी ही वापस आऊंगा।