SC ने कहा- ये धार्मिक मामला नहीं, कोई कोर्ट में जींस पहनकर आ जाए तो उसे मना ही किया जाएगा
कर्नाटक हिजाब विवाद मामले की सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ड्रेस कोड लागू करने का मतलब है कि आप लड़कियों को कॉलेज जाने से रोक रहे हैं।
इस पर जस्टिस गुप्ता ने कहा कि पब्लिक प्लेस पर ड्रेस कोड लागू होता ही है। पिछले दिनों ही एक महिला वकील सुप्रीम कोर्ट में जींस पहनकर आ गईं, उन्हें तुरंत मना किया गया। उसी तरह गोल्फ कोर्स का भी अपना ड्रेस कोड है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा- हम जोर देकर कह रहे हैं कि हिजाब का जो अभी विवाद है, वो धार्मिक नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी।
कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को दी गई है चुनौती
सुप्रीम कोर्ट में हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 23 याचिकाएं दाखिल हैं। इन याचिकाओं को मार्च में दाखिल किया गया था। याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव धवन, दुष्यंत दवे, संजय हेगड़े और कपिल सिब्बल भी पक्ष रख रहे हैं।