सरकार के खिलाफ बोलने पर क्रूरता करता है चीन

एक ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने दावा किया है कि चीन पॉलिटिकल प्रिजनर्स और एक्टिविस्ट्स को मनोरोगी हॉस्पिटल में सजा दे रहा है। यहां उन्हें टॉर्चर किया जाता है। चीन पर आरोप लगाया गया कि वहां के हेल्थकेयर वर्कर सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

मैड्रिड के ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने कहा- चीन में 10 साल पहले साइकेट्रिक हॉस्पिटल में सजा दी जाने वाली बर्बर प्रथा को रोकने के लिए कुछ कानून लागू किए थे। बावजूद इसके चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। लोगों को टॉर्चर कर रही है।

ह्यूमन राइट्स ग्रुप सेफगॉर्ड डिफेंडर्स ने रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि चीन पिछले 10 सालों से सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को अवैध रूप से साइकेट्रिक हॉस्पिटल में भर्ती करके टॉर्चर करता है। इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी चीनी NGO सिविल राइट्स एंड लाइवलिहुड वॉच की वेबसाइट पर छपे विक्टिम्स और उनके परिजनों के इंटरव्यू पर आधारित है। ये NGO चीनी नागरिक और एक्टिविस्ट-जर्नलिस्ट लियू फीयू ने बनाया था।

महिलाओं को भी टॉर्चर करता है चीन
2018 में एक महिला ने प्रेसिंडेट शी-जिनपिंग की फोटो पर इंक फेंक दी थी। इसके बाद महिला के गुमशुदा होने की खबरें सामने आई थीं। कुछ समय बाद पता चला की उसे साइकेट्रिक हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। इतना ही नहीं, सेना के एक जवान को भी ऐसे ही टॉर्चर किया गया था। वह सेवा देते समय घायल हुआ था। उसने मेडिकल कंपेन्सेशन के लिए याचिका दायर की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *