330 महिलाओं से जिस कंपनी को शुरू किया उस कंपनी में अब 6100 महिलाएं कर रहीं काम

सामाजिक सरोकार को लेकर काम करने की इच्छा और बस्तर जिले में महिलाओं को आर्थिक शोषण होते देख बिलासपुर जिले के लोरमी गांव के रहने वाले दीनानाथ राजपूत इतने आहत हुए कि उन्होंने खेती-बाड़ी की कोई खास जानकारी नहीं होने के बावजूद किसानों की समस्या का हल तलाशने की ठानी और इस काम में वे सफल रहे। वे पेशे से साॅफ्टवेयर इंजीनियर थे उन्होंने ये नौकरी भी छोड़ दी।

5 साल पहले उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भूमिगादी महिला कृ़षक प्रोडयूसर नाम से एक कंपनी बनाई जिसमें इस समय 6100 महिलाएं काम कर रही हैं। ये महिलाएं कंपनी में काम कर रोजगार को बढ़ावा दे रही हैं तो वहीं दूसरी ओर आत्मनिर्भर बनी हुई हैं।

5 साल में अपेक्षा के अनुरूप काम होने को लेकर राजपूत ने कहा कि भिलाई के एक प्राइवेट कॉलेज सॉफ्टवेयर इंजीनियर की डिग्री लेने के बाद वे बेंगलुरू में नौकरी कर रहे थे। इसी बीच उन्हें जानकारी मिली की बस्तर में बिचौलिए वनोपज और अन्य समानों की खरीदी के नाम पर महिलाओं का आर्थिक शोषण कर रहे हैं।

जिसके बाद वे बस्तर पहुंचे और उन्होंने महिलाओं को साथ में लेकर काम शुुरू किया। पहले साल 330 महिलाओं के साथ काम करना शुरू किया था। महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए की जाने वाली कोशिशों में कई तरह की बाधाएं आईं।

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