मोहम्मद बिन सलमान ने बदली सऊदी अरब की किस्मत
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान जिन्हें लोग एमबीएस के नाम से भी जानते हैं, वर्ल्ड लीडर से अलग खुद के लिए एक नई छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बना चुके हैं। 36 साल के प्रिंस को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग उनकी किस तरह से आलोचना करते हैं। वह घर और घर से बाहर अपने ताकतवर दोस्तों के साथ अपनी छवि को मजबूत करने में लगे हुए हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के पहले सऊदी अरब दौरे पर ये बात साबित हो गई कि कैसे वर्ल्ड लीडर की उनकी इमेज सऊदी लीडर के सामने कमजोर पड़ चुकी है। बाइडेन,एमबीएस से दोगुनी उम्र के हैं मगर वो सऊदी प्रिंस के सामने हर मामले में कम प्रभावी लगे।
बाइडेन को तोड़नी पड़ी कसम
बाइडेन ने कसम खाई थी कि वो एमबीएस से नहीं मिलेंगे। लेकिन 15 जुलाई को उनकी कसम टूट गई और जेद्दा के शाही महल में दोनों की मुलाकात हुई। बाइडेन ने पहले तो ‘फिस्ट बम्प’ के साथ उनका अभिभावदन किया और फिर वो वन-टू-वन मीटिंग में वो एमबीएस के सामने दबाव में नजर आए। बाइडेन और एमबीएस की मीटिंग पर करीब से नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो सऊदी सुल्तान ने बाइडेन की तरफ से मिले हर सम्मान को ग्रहण किया। उन्होंने बाइडेन से बहुत से मुद्दों पर बहुत ज्यादा बात नहीं की। न ही उन्होंने तेल का उत्पादन बढ़ाने पर कोई गारंटी दी और न ही रूस या चीन के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करने का मन बनाया। न ही बाइडेन को ये भरोसा दिलाया कि एयरस्पेस खोलने के बाद भी सऊदी अरब इजरायल के साथ संबंध सामान्य करना चाहता है।