वॉलमार्ट और ऐमजॉन से भारतीय दुकानदारों को बचाएंगे नंदन निलेकणी
आईटी कंपनी इन्फोसिस (Infosys) के कोफाउंडर और आधार (Aadhaar) योजना के सूत्रधार नंदन निलेकणि (Nandan Nilekani) अब एक और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। वह सरकार को एक ओपन टेक्नोलॉजी नेटवर्क बनाने में मदद कर रहे हैं जो देश के एक ट्रिलियन डॉलर के रिटेल मार्केट में छोटे दुकानदारों को वॉलमार्ट (Walmart) और ऐमजॉन जैसी कंपनियों के साथ टक्कर लेने में मदद करेगा। इस नेटवर्क का मकसद एक ऐसा ऑनलाइन सिस्टम बनाना है जहां दुकानदार और ग्राहक साबुन से लेकर एयर टिकट तक सबकुछ बेच सकें। लेकिन इसके पीछे सोच ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट के दबदबे को कम करना है। फ्लिपकार्ट का मालिकाना हक वॉलमार्ट के पास है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में ऐमजॉन और वॉलमार्ट ने भारत में 24 अरब डॉलर निवेश किया है। भारी छूट और ऑफर्स से इन कंपनियों ने देश के 80 फीसदी ऑनलाइन रिटेल मार्केट पर कब्जा कर रखा है। हालांकि देश की कुल रिटेल मार्केट में ऑनलाइन कॉमर्स की हिस्सेदारी महज छह फीसदी है। लेकिन छोटे दुकानदारों को आशंका है कि आगे चलकर उनकी रोजीरोटी खतरे में पड़ सकती है। सरकार भी इसे लेकर चिंतित है। यही वजह है कि सरकार इसे लेकर एक व्यवस्था बनाना चाहती है। इसे ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) नाम दिया गया है।
यह दुनिया में अपनी तरह की पहली पहल है जिससे छोटे दुकानदारों और रिटेलर्स को बराबरी का मौका देना है। यानी सरकार सभी लोगों के लिए अपना ई-कॉमर्स ईकोसिस्टम बनाएगी। दुकानदारों की शिकायत है कि ऐमजॉन और वॉलमार्ट जैसी कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ खास सेलर्स को तरजीह देती हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक 66 साल के निलेकणि ने हाल में बेंगलूरु में अपने प्राइवेट ऑफिस में कहा कि यह एक ऐसा आइडिया है जिसका समय आ चुका है। हम लाखों छोटे दुकानदारों को डिजिटल कॉमर्स के नए हाई-ग्रोथ एरिया में हिस्सा लेने का आसान तरीका बताना चाहते हैं।