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मोहाली में पहले भी कमाल दिखा चुके हैं रविंद्र जडेजा

मोहाली टेस्ट की दोनों पारियों (174+178) में मिलाकर भी श्रीलंका इतने रन नहीं बना पाया जितना स्कोर भारत ने अपनी पहली पारी (574 रन) में खड़ा किया था। तीसरे दिन 222 रन और एक इनिंग की इस एकतरफा जीत में रविंद्र जडेजा हीरो बनकर निकले। पहली पारी में पूरी टीम जडेजा के व्यक्तिगत स्कोर से एक रन पीछे थी जबकि दूसरी पारी में तीन रन अधिक ही बना सकी। 175 रन और नौ विकेट के बेहतरीन ऑलराउंड खेल के बूते ही जडेजा मैन ऑफ द मैच भी चुने गए।

मोहाली में जडेजा तीसरी बार बने मैन ऑफ द मैच
यह विराट कोहली का सौवां टेस्ट और रोहित शर्मा का बतौर कप्तान पहला टेस्ट था, लेकिन इसमें नायक जड्डू साबित हुए। जडेजा मोहाली के मैदान पर अपना कुल चौथा टेस्ट खेल रहे थे और तीसरी बार प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीता। वह यहां सिर्फ अपने पहले टेस्ट में मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड नहीं जीत सके थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उस मैच में शिखर धवन ने डेब्यू करते हुए 187 रन की पारी खेल कर यह अवॉर्ड जीता था। लेकिन इसके बाद साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2015 में, इंग्लैंड के खिलाफ 2016 में और अब श्रीलंका के खिलाफ भारत की जीत के वह नायक बने। जडेजा ने मोहाली में 6 पारियों में 327 रन बनाए हैं। गेंद से भी 8 पारियों में 27 विकेट हासिल कर हर किसी को चौंकाया है।

बल्ले से 175 रन फिर बॉलिंग से 9 विकेट
श्रीलंका ने तीसरे दिन 16 विकेट गंवाए। पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले जडेजा थोड़ी देर से अटैक पर आए, लेकिन अटैक पर आने के छठे ओवर में ही उन्होंने धनंजय डीसिल्वा (30) के रूप में दूसरी पारी का पहला विकेट निकाला। श्रीलंका का कोई बल्लेबाज जडेजा की गेंदों को समझ ही नहीं सका। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी प्लेयर ने एक ही टेस्ट में 150 या इससे ज्यादा रन बनाने के अलावा 9 विकेट भी चटकाए हों। इससे पहले जाडेजा ने कपिल देव का 36 साल पुराना रेकॉर्ड भी तोड़ा था जब उन्होंने पहली पारी में सातवें क्रम पर बल्लेबाजी के लिए उतरकर 175 रन बनाए थे।

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