पेशावर धमाके के बाद बिखरी लाशें और खौफ… पाकिस्तान में बदतर है शियाओं का हाल
पेशावर : ‘या अल्लाह, या अल्लाह… जल्दी से एंबुलेंस बुलाओ यार…’ पेशावर की शिया मस्जिद में मंजर इतना खौफनाक है कि दिल दहल जाए। जामा मस्जिद में दिन जुमे की नमाज के बाद का है। दो हमलावरों ने कुछ देर पहले खुद को बम से उड़ा लिया है। बारूद की गंध के बीच हॉल में मांस के लोथड़े बिखरे पड़े हैं। खून का दरिया सा फूट पड़ा है। कुछ खुशनसीब जो बच गए, जख्म के दर्द से बेतरह कराह रहे हैं।
धमाके बाद लाशों के ढेर में अपनों को ढूंढने के लिए नजरें खौफ और बेचैनी के साथ दौड़ रही हैं। शरीर और आवाज कांप रही है। चीखें निकल रही हैं। खून से लथपथ एक शख्स ‘अब्बू-अब्बू कहां हों…’ कहते हुए बदहवास भागा जा रहा है। ‘खुदा इनको तबाह और बर्बाद कर दे… खुदा इनकी नस्लें मिटा दे… खुदा इनको नेस्तनाबूद करे… इन्होंने हमें तबाह और बर्बाद कर दिया… मेरे खानदान के दोनों शहीद कर दिए…’ दूसरा शख्स यह कहते हुए
3 साल के शिया बच्चे पर भी किया केस
पाकिस्तान में शिया मुसलमानों को अक्सर ईशनिंदा का शिकार बनाया जाता है। साल 2020 में सिर्फ अगस्त महीने में शियाओं के खिलाफ 42 ईशनिंदा के केस दर्ज हुए। एक 3 साल के शिया बच्चे पर भी ईशनिंदा के तहत मामला दर्ज किया गया। पाकिस्तान में शिया और सुन्नी की लड़ाई बहुत पुरानी है। मुहर्रम के दौरान यह विवाद इतना बढ़ जाता है कि कई जगहों पर हिंसक रूप भी ले लेता है। लेकिन इस विवाद की जड़ें हमें इतिहास में मिलती हैं।