दही खाते समय भूलकर भी नहीं करनी चाहिए ये 6 गलतियां

सफेद, मलाईदार, थोड़ा खट्टा दही वैदिक काल से हमारे पूर्वजों के आहार का मुख्य हिस्सा रहा है। आज भी लोग अपने पाचन स्वास्थ्य को दुरूस्त रखने और प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए भोजन के साथ या भोजन के बाद दही का सेवन करते हैं। दही में राइबोफ्लेविन, विटामिन ए, विटामिन बी-6, विटामिन बी-12 और पैंटोथेनिक एसिड का एक पॉवरहाउस है। इसमें लैक्टिक एसिड की भी पर्याप्त मात्रा होती है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करती है। वैसे भारत में दही का सेवन कई तरह से किया जाता है- जैसे दही-चावल, दही-चीनी, दही का रायता और कई लोग इसकी स्मूदी भी बनाकर खाते हैं।

उबले हुए दूध को प्राकृतिक रूप से खट्टा करके बनाए गए दही में कई तरह के बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो न केवल हमारे पाचन तंत्र को पोषण देते हैं, बल्कि प्रतिरक्षा को मजबूत बनाने का भी काम करते हैं। आयुर्वेद में ज्यादा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए दही का सेवन करने के कुछ नियम हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. दीक्सा भावसार ने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर करते हुए दही खाने में हो रही गलतियों के बारे में बताया है और इनसे बचने की सलाह दी है।

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