हरा चारा खाया और पानी पीया, फिर मादा हिप्पो ने हार्टअटैक से दम तोड़ा

बिलासपुर के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में शनिवार सुबह मादा हिप्पो की मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद हार्ट अटैक से उसकी मौत होना बताया जा रहा है। उसे फरवरी 2021 में भुवनेश्वर के नंदन कानन से लाया गया था और सहेली नाम रखा गया था। इससे पहले भी यहां दो दरियाई घोड़े की मौत हो चुकी है। वहीं, देखरेख के अभाव और प्रबंधन की लापरवाही के चलते कई वन्य प्राणी भी दम तोड़ चुके हैं।

जू कीपर्स के अनुसार मादा हिप्पो शनिवार सुबह 9.30 बजे भोजन में हरा चारा खाया था। उसके बाद पानी में चली गई थी। कुछ देर बाद जब जाकर देखा गया तो वह हरकत नहीं कर रही थी। शक होने पर पानी के भीतर जाकर उसे देखा गया। इसके बाद सुबह करीब 11 बजे के आसपास उसकी मौत की पुष्टि हुई।

हिप्पो के पोस्टमार्टम के लिए टीम का गठन किया गया। इसमें आरएम त्रिपाठी, डॉ.राम ओत्तलवार, डॉ.अजीत पांडेय शामिल थे। शाम करीब 4 से 5 बजे तक उसका पोस्टमार्टम चलता रहा, इसके बाद डॉक्टरों ने मादा दरियाई घोड़े की मौत कार्डियो रेस्पिरेटरी कोलेप्स यानी हृदय श्वसन तंत्र में तकलीफ के कारण हुई है। उसके मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है

जबलपुर भेजा गया बिसरा
प्रारंभिक जांच और पोस्टमार्टम के बाद शव का बिसरा प्रिजर्व किया गया है। उसे जांच के लिए नानाजी देशमुख वेटनरी साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर भेजा जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि जब PM करने वाले चिकित्सकों ने मौत का कारण हार्ट अटैक बता दिया है, तो बिसरा जांच कराने का क्या औचित्य होगा।

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