बुलंदशहर में वोटरों के सिर पर सवार जाति फैक्टर
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav) 2022 के पहले चरण की तैयारी जोर-शोर से राजनीतिक दल कर रहे है। इस दौरान उत्तर प्रदेश में पश्चिमी यूपी (West UP Election) जीतने के लिए सभी दल जोर लगा रहे हैं। इस बीच बुलंदशहर (Bulandshahr) में क्या राजनीतिक हलचल हो रही है, इससे जुड़ी यह एक ग्राउड रिपोर्ट हालात को बयां करती है। बता करें बुलदशहर की तो यहां जाति समीकरण (caste equation uttar pradesh) आज भी सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर माना जाता है। 2017 में बीजेपी ने बुलंदशहर में सभी सात सीटों पर भारी अंतर से जीत हासिल की थी। यह कभी यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी (BJP) नेता कल्याण सिंह (kalyan singh) का मजबूत गढ़ था। कल्याण सिंह के राज्यस्तरीय राजनेता के रूप में उभरने के बाद से पूरे क्षेत्र ने बीजेपी को वोट दिया था।
अनूपशहर विधानसभा क्षेत्र के मुरसान गांव के किसान भूरा गिरी ने का कहना है कि इस क्षेत्र में लोध राजपूतों की सबसे अधिक आबादी है, जिससे की कल्याण सिंह भी जुड़े थे। हर विधानसभा क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण उपस्थिति है। उन्होंने बताया कि यहां लोध, राजपूत तय करते हैं कि इस क्षेत्र से कौन सा उम्मीदवार जीतेगा। इस क्षेत्र में भी दलितों की अच्छी खासी आबादी है, जिससे बसपा की स्थिति भी मजबूत है। 2017 में सात सीटों में से बसपा छह सीटों पर दूसरे स्थान पर थी, जबकि खुर्जा सीट पर सपा दूसरे स्थान पर थी। वहीं बसपा ने 2012 में सात में से पांच सीटें जीती थीं।