MSP के लिए समिति बनाएगी सरकार:विधानसभा चुनावों के बाद होगा गठन

भारत सरकार ने कहा है कि MSP तय करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। ये समिति विधानसभा चुनावों के बाद तैयार की जाएगी। इसे लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कहा कि सरकार विधानसभा चुनावों के बाद MSP तय करने के लिए कमेठी का गठन करेगी। इसमें किसान संघों के सदस्य, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और अन्य हितधारक हिस्सा होंगे। चुनाव के बाद इस समिति के गठन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया था, जिसके बाद किसान MSP की मांग पर अड़ गए थे।

पिछले 7 सालों से MSP पर दोगुने दाम दिए: तोमर
नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कहा कि 2018-19 से पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि MSP को किसानों के लिए लाभकारी बनाया जाए। स्वामीनाथन समिति की अनुशंसा में भी 14-15 अनुशंसाएं ऐसी थीं जिन्हें जीओएम ने उपयुक्त नहीं पाया। एक अनुसंशा यह भी थी कि MSP पर 50% मुनाफा जोड़कर घोषित किया जाए, इसे नहीं माना गया था। प्रधानमंत्री ने 2018-19 में इसे स्वीकार किया और MSP अब बढ़कर मिल रही है। पिछले 7 सालों से MSP पर पहले से दोगुने दाम दिए गए हैं। बजट में भी 2 लाख 37 हजार करोड़ रुपए किसानों को लाभकारी मूल्य के लिए दिए जाने का प्रावधान है।

MSP आखिर क्या होती है?
MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस या फिर न्यूनतम समर्थन मूल्य। केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है, इसे ही MSP कहा जाता है। अगर बाजार में फसल की कीमत कम भी हो जाती है, तो भी सरकार किसान को MSP के हिसाब से ही फसल का भुगतान करेगी। इससे किसानों को अपनी फसल की तय कीमत के बारे में पता चल जाता है कि उसकी फसल के दाम कितने चल रहे हैं। ये एक तरह फसल की कीमत की गारंटी होती है।

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