अमेरिकी फेडरल रिजर्व के एक फैसले से क्यों हिल जाता है भारतीय शेयर बाजार

भारत में शेयरों के निवेशक इस बात को लेकर चिंतित है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस सप्ताह में होने वाली बैठक में महंगाई को रोकने के लिए कितने आक्रामक तरीके से कदम उठाता है।

अमेरिका के ब्याज दर का असर

US Fed: कारोबार की दुनिया में एक कहावत है कि अमेरिका को छींक आती है तो दुनिया को जुकाम हो जाता है। यह कहावत साल 2022 में भी सच होती दिख रही है। अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर देखने को मिल सकता है। फेडरल रिजर्व के इस फैसले से भारत सहित एशिया और यूरोप के देशों में हलचल मच सकता है।

फेड रिजर्व का कनेक्शन

अमेरिका में ब्याज दर कम रहने पर निवेशक बेहतर कमाई के लिए भारत जैसे बाजार में पूंजी लगाते हैं, इससे शेयर बाजार को मदद मिलती है। अगर अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ जाए तो निवेशक उभरते देशों से पैसे निकाल कर अमेरिका में बैंक में पैसे जमा करते हैं और अपनी पूंजी पर अपने देश में ही बढ़िया रिटर्न कमाते हैं। इस वजह से उभरते देशों के शेयर बाजार में गिरावट आती है। ऐसे में निवेशक फेडरल रिजर्व की बैठक का इंतजार कर रहे हैं।

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