सर्दियों में इस विटामिन की कमी से बढ़ सकता है सोरायसिस

नेशनल सोरायसिस फाउंडेशन द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, सोरायसिस (त्वचा का रोग) से पीड़ित 10 में से 4 लोगों ने बताया कि सर्दी के मौसम में उनकी हालत और गंभीर हो जाती है। सोरायसिस एक चिरकालिक, ऑटोइम्यून अवस्था है जो मोटी, सूजन-भरी, लाल, खुजलाहट-भरी त्वचा के रूप में उभरता है। सोरायसिस के संकेत और लक्षण विभिन्न पर्यावरणीय और आनुवांशिक घटकों के कारण ठंड के मौसम के दौरान और अधिक बिगड़ जाते हैं।

सोरायसिस दुनिया भर में 125 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है, और इस रोग के वैश्विक बोझ में भारत का योगदान 20% है। हालांकि हाल के वर्षों में चिकित्सा और विज्ञान में प्रगति के साथ बायोलॉजिक्स जैसे उन्नत उपचार के विकल्प मरीज की ज़रुरत और उसकी पूर्ति का अंतर पूरा कर सकते हैं। बायोलॉजिक्स, विशेषकर मध्यम से गंभीर सोरायसिस के मरीजों के लिए उपचार के सुरक्षित और अधिमान्य विकल्प माने जाते हैं।

फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा के डॉ. राजीव शेकरी, त्वचा रोग विशेषज्ञ के अनुसार, ‘सोरायसिस के लक्षणों को प्रभावित करने वाले अनेक कारक हो सकते हैं, जिनमें आनुवंशिकता, तनाव, संक्रमण और तापमान में परिवर्तन आदि शामिल हैं। अपने नैदानिक अनुभव में, मैं सर्दियों के दौरान सोरायसिस के रोगियों की संख्या में वृद्धि देख रहा हूं और उनके लक्षणों के और बिगड़ जाने की शिकायत सुन रहा हूं। हालांकि, सर्दियों के दौरान यह स्थिति ज्यादा खराब हो सकती है।

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