‘सूर्यवंशी’ की कामयाबी के बाद बॉलिवुड में फिर चलेगा मल्टीस्टारर फिल्मों का ट्रेंड?

हाल ही में रिलीज हुई ‘सूर्यवंशी‘ ने दिवाली के दौरान सिनेमाघरों में मात्र 5 दिनों के अंदर 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। यह पहली फिल्म साबित हुई है, जिसने कोरोना के बाद पहले हफ्ते में 100 करोड़ रुपये की कमाई की है। रोहित शेट्टी की इस मसाला एंटरटेनर में दर्शकों को जो सबसे ज्यादा पसंद आया, वो है सेकंड हाफ में ‘सूर्यवंशी’ अक्षय कुमार के साथ सिंघम उर्फ अजय देवगन और सिंबा अका रणवीर सिंह की तिकड़ी का धमाल। अक्षय, अजय और रणवीर जैसे सितारों से सजी-धजी फिल्म की सुपर सक्सेज के बाद फिल्मी जानकार उम्मीद कर रहे हैं कि निकट भविष्य में एक बार फिर मल्टी स्टार कास्ट वाली फिल्मों का दौर देखने को मिलेगा, जिसकी शुरुआत हो चुकी है।

‘पठान’, ‘टाइगर 3’ और ‘जी ले जरा’ जैसी फिल्मों की स्टारकास्ट पर नजर डाली जाए, तो साफ हो जाता है कि इन फिल्मों में बड़े परदे पर एक से ज्यादा स्टार कहानी में गुंथे नजर आएंगे। हालांकि मल्टीस्टारर फिल्मों का यह चलन आज का नहीं है। दर्शकों ने हमेशा से इस तरह की फिल्मों को हाथों-हाथ लिया है। बीते दशकों में ‘शोले’, ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘दीवार’, ‘शान’, ‘कर्मा’, ‘त्रिदेव’, ‘सत्ते पे सत्ता’, ‘हम’, ‘नसीब’, ‘गंगा जमुना सरस्वती’, ‘हम साथ साथ हैं’, ‘कांटे’, ‘खाकी’, ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘दिल चाहता है’, ‘बॉर्डर’, ‘नो एंट्री’, ‘ओमकारा’, ‘मोहब्बतें’, ‘धूम’, ‘रेस’, ‘थ्री इडियट्स’, ‘वेलकम’, ‘जिंदगी मिलेगी ना दोबारा’ जैसी अनेकों फिल्में रही हैं, जिनमें सितारों का मेला नजर आया, मगर बीच में एक दौर ऐसा भी रहा, जब एक बड़े सुपर स्टार ने किसी दूसरे सुपर स्टार के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करने के बजाय सिंगल हीरो वाली फिल्मों को तरजीह दी। मगर अब आगामी कई फिल्मों में यही स्टार्स एक-दूसरे के साथ मिंगल करते नजर आ रहे हैं। क्या है वजह? एक पड़ताल।

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