तेज प्रताप की जिद थी कि पिताजी आएं तो धरने से उठूंगा

लालू प्रसाद यादव के पटना पहुंचते ही तेज प्रताप यादव ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। लालू के दोनों बेटों के बीच का विवाद सड़क पर आ गया। तेज प्रताप की जिद थी कि लालू उनके आवास पर आएं, लेकिन वह सीधा राबड़ी देवी के आवास चले गए। राबड़ी देवी के आवास पर जाकर अपने पिता से उन्होंने भेंट की, हालांकि उसके पहले भी वह कई विस्फोटक बयान, जैसे- मेरा राजद से नाता नहीं- दे चुके थे।

राबड़ी के आवास से लौट कर तेज प्रताप यादव ने अपने सरकारी आवास के बाहर धरना दिया और छात्र जनशक्ति परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर खूब नारेबाजी की। जोर-जुलुम के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है जैसे नारे लगाए गए। आखिर, लालू जब राबड़ी के साथ उनके आवास पर मिलने आए, तो तेज माने। हालांकि, लालू गाड़ी में ही बैठे रहे और वहीं से वापस चले गए।

तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी यादव पर कहा कि वे दूध पीते बच्चे नहीं हैं। उन्हें समझना चाहिए। हरियाणा के आदमी संजय यादव को यहां कोई पहचानता नहीं है। इसके बावजूद ऐसे लोगों को साथ लेकर वे चल रहे हैं। ऐसे लोगों को साथ लेकर चलेंगे तो कैसे काम चलेगा? उन्हें सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने पार्टी को हाईजैक कर लिया और बर्बाद करने का काम कर रहे हैं। इस तरह का रवैया रहा तो जिसको हम अपना अर्जुन कहते हैं, वह गद्दी पर कभी बैठ नहीं पाएगा। उसे प्रॉब्लम हो जाएगी।

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