नए महंत बलवीर गिरी सलाहकारी बोर्ड बनाने की शर्त से मुकरे

प्रयागराज में बाघम्बरी मठ के पूर्व महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद नए महंत को विवादों के बाद भले ही गद्दी मिल गई हो, लेकिन विवाद खत्म होते नहीं दिखता। सूत्रों के मुताबिक मठ के नए महंत बलबीर बाकी संतों से अनिवार्य सलाह मशविरे के लिए सुपर एडवाइजरी बोर्ड बनाने को राजी नहीं। उन्होंने चादर चढ़ाने, यानी महंत बनाए जाने से एक दिन पहले सुपर एडवाइजरी बोर्ड के लिए बनाए गए कागज में हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। इसके घटना के बाद से मठ के पंच परमेश्वर और संतों के भीतर गुस्सा भर गया है। पहले नरेंद्र गिरी की रहस्यमय हालातों में आत्महत्या, फिर तीन वसीयतों का सामने आना, आखिरी वसीयत में बलबीर का नाम बतौर उत्तराधिकारी होने के साथ ही मठ की कुछ संपत्ति मठ के बाहर के लोगों को देने के जिक्र ने इस गुस्से को और हवा दे दी है।

पंच परमेश्वर चाहते थे कि नया महंत स्वयंभू न हो
मठ और अखाड़े के सूत्रों ने बताया, “मठ निरंजनी अखाड़े के तहत आता है। पंचपरमेश्वरों और मठ के अन्य संतों ने विवाद को और तूल न देते हुए आखिरी वसीयत के हिसाब से बलबीर गिरी को गद्दी सौंप दी।”

बलवीर गिरी को चादर चढ़ाकर पद पर नियुक्त कर दिया गया, लेकिन मठ और अखाड़े के संतों के बीच इस बात पर एक राय बनी थी कि एक सुपर एडवाइजरी बोर्ड बने ताकि महंत किसी भी फैसले को करने से पहले मशविरा लें।

बलबीर भी इसके लिए तैयार थे, लेकिन चादर चढ़ाने के एक दिन पहले वे मुकर गए। सुपर एडवाइजरी बोर्ड के लिए बनाए गए कागज में हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। दरअसल इस बोर्ड के लिए महंत की मंजूरी जरूरी है।

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