WHO के 26 एक्सपर्ट वुहान जाकर शुरुआती केसों को खंगालेंगे
कोरोना वायरस कहां से और कैसे फैला, ये पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 26 एक्सपर्ट्स का एक नया एडवाइजरी ग्रुप बनाया है। यह ग्रुप चीन में कोरोना के ओरिजिन की जांच करेगा। WHO की एक टीम ने इस साल की शुरुआत में भी चीन के वुहान शहर में 4 हफ्ते तक रुक कर जांच की थी, लेकिन किसी पुख्ता नतीजे तक नहीं पहुंच पाई थी। इसीलिए चीन से कहा है कि इस बार शुरुआती केसों से जुड़े डेटा उपलब्ध करवाए जाएं। WHO ने ये भी कहा है कि दुनिया को रोक देने वाले कोरोना वायरस का ओरिजिन पता करने की ये आखिरी कोशिश हो सकती है।
बता दें कोरोना का पहला केस दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में सामने आया था और आशंका है कि वहीं से यह वायरस पूरी दुनिया में फैला है। हालांकि, चीन बार-बार यही कहता रहा है कि वुहान की लैब से वायरस लीक होने के दावे गलत हैं और अब और जांच की जरूरत नहीं है।
वहीं WHO की टीम ने पहली जांच के बाद इस साल मार्च में जारी रिपोर्ट में सिर्फ इतना कहा था कि हो सकता है कोरोना वायरस चमगादड़ से किसी दूसरे जानवर के जरिए इंसानों में पहुंचा हो, लेकिन अभी और रिसर्च की जरूरत है, क्योंकि महामारी के शुरुआती दिनों के डेटा की कमी के चलते जांच में दिक्कत आई थी। ऐसे में वुहान लैब का ऑडिट किया जाना चाहिए।
इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए WHO ने नया एक्सपर्ट ग्रुप बनाया है। WHO के चीफ टेड्रॉस एडहेनॉम ग्रेब्रेयेसस ने बुधवार को बताया कि दुनियाभर से मिले 700 आवेदनों में से 26 एक्सपर्ट को उनके वर्ल्ड क्लास एक्सपीरिएंस को ध्यान में रखते हुए चुना गया है। ये एनिमल हेल्थ, क्लिनिकल मेडिसिन, वायरोलॉजी और जीनोमिक्स से जुड़े हैं।