‘गवर्नर एक्टिव है तो सीएम को खुश होना चाहिए’, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके (Chhattisgarh Governor Anusuiya Uikey) इस मामले में दूसरे राज्यपालों से अलग दिखती हैं कि राज्य में कांग्रेस सरकार होने के बावजूद वह किसी मुद्दे पर उसको कठघरे में खड़ा करने से परहेज करती हैं। कहती हैं, ‘राज्यपाल के रूप में तो मैं राज्य सरकार की कस्टोडियन हूं। अगर मैं अपनी सरकार को असफल बताऊंगी तो असफलता के दायरे में मैं भी आ जाऊंगी।’ उनका नजरिया साफ है, कहती हैं, गवर्नर और सीएम के बीच टकराव से कुछ भी हासिल नहीं होगा। उइके पिछले हफ्ते दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली रहीं, जहां उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने एनबीटी के नैशनल पॉलिटिकल एडिटर नदीम के साथ राज्य की कांग्रेस सरकार के साथ अपने रिश्तों और बतौर राज्यपाल अपने अनुभवों को साझा किया।
आपने लंबा वक्त एक्टिव पॉलिटिक्स में गुजारा है। अब राजभवन के तमाम तरह के प्रोटोकॉल के बीच कैसा महसूस करती हैं?
पॉलिटिक्स में आपके पास कहीं ज्यादा स्वतंत्रता होती है। लेकिन जब किसी संवैधानिक पद पर पहुंच जाते हैं, तो उसके प्रोटोकॉल का पालन करना ही होता है। सबसे बड़ी बात यह कि दलगत राजनीति से ऊपर उठना होता है। राज्यपाल बनने के बाद मुझे अचानक बंदिश जैसा कोई अहसास इसलिए नहीं हुआ कि इससे पहले मैं राष्ट्रीय जनजाति आयोग में रही हूं। वह भी संवैधानिक पद होता है। संवैधानिक पद पर रहने का एक फायदा यह होता है कि आप जनता के लिए वह सब कुछ कर सकते हैं, जिसे पॉलिटिक्स में रहने के दौरान दूसरे से करने की अपेक्षा करते हैं।