लुभावनी स्कीम में झांसा देकर 2695 लोगों से 21.86 करोड़ ठगे; एक आरोपी अभी फरार
छत्तीसगढ़ के भिलाई से संचालित यश ड्रीम रियल स्टेट कंपनी के 2 डायरेक्टरों अनुराग श्रीवास्तव और उसकी छोटी बहन अमृता श्रीवास्तव को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को रायपुर के तेलीबांधा से पकड़ा गया। आरोप है कि आरोपियों ने 2695 लोगों को लुभावने स्कीम के झांसा देकर 21.86 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की है। दोनों आरोपी करीब 7 साल से फरार चल रहे थे। इस मामले में पुलिस साल 2015 में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के 7 सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है।
जानकारी के मुताबिक, साल 2015 में नगपुरा निवासी हेमंत साहू ने सुपेला थाने में इनामी चिटफंड कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई। बताया था कि प्रियदर्शनी नगर स्थित यश ग्रुप ऑफ कंपनी, यश ड्रीम रियल स्टेट कंपनी लिमिटेड ने रकम दोगुनी करने का झांसा देकर ठगी की है। इसमें कंपनी के डायरेक्टर अमित श्रीवास्तव, नितिन श्रीवास्तव, नीता श्रीवास्तव, रिभा श्रीवास्तव, दीपक सिगारे, सिन्धु सिंगारे और पूजा टंडन शामिल हैं। इसके बाद अन्य लोगों ने भी मामला दर्ज कराया।
खुद के बांड पेपर देकर 6417 खातों में जमा कराए रुपए
जांच में पता चला कि डायरेक्टर अमित श्रीवास्तव पहले सहारा इंडिया कंपनी में काम कर चुका था। उसने अपने भाई नितिन श्रीवास्तव और दोनो भाइयो की पत्नी नीता व रिया के अलावा दीपक सिंगारे, सिन्धु सिंगारे और पूजा टंडन के साथ मिलकर जून 2008 में ग्वालियर में कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया। फिर भिलाई में ऑफिस खोल लिया। यहां वे लोगों को लुभावनी स्कीम का झांसा देते और खुद के बनाए बांड पेपर देकर निवेश कराते। इस तरह 2695 लोगों से 6417 खातों में 21.86 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा कराए।