‘शेरशाह’ सिद्धार्थ मल्होत्रा बोले- सैनिकों को सरहद पर ऐक्टर्स की तरह रीटेक का मौका नहीं मिलता
हर साल अगस्त महीने की शुरुआत होते ही देश के साथ-साथ सिनेमाई पर्दे पर भी देशभक्ति का रंग घुलने लगता है। इसी रंग को और चटख बनाने के लिए बॉलिवुड अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा (Sidharth Malhotra) देशभक्ति से ओतप्रोत फिल्म ‘शेरशाह’ (Shershaah) लेकर आ रहे हैं। इस फिल्म में वे करगिल वॉर के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra Biopic) की भूमिका में नजर आएंगे। परमवीर चक्रम प्राप्त कैप्टन विक्रम बत्रा करगिल युद्ध के असली हीरो थे। उनकी जाबांजी के किस्से न सिर्फ हिंदुस्तान, बल्कि पाकिस्तान में भी सुनाए जाते हैं। कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है करगिल में पाकिस्तान के घुसपैठिए सैनिकों ने ही उन्हें कोडनेम ‘शेरशाह’ दिया था।
कैप्टन विक्रम बत्रा जैसे देश के लिए मर-मिटने वाले नायक की भूमिका की रूह तक जाने के लिए आपने क्या तैयारियां कीं?
कैप्टन बत्रा की जिंदगी की कहानी है, वह सिर्फ हमारे लिए ही नहीं पूरी इंडियन आर्मी और देश के लिए बहुत गर्व की बात है। मेरे लिए यह भावनात्मक सफर था। फिल्म को बनने में समय लगा और मैं उनके परिवार को बहुत पहले से जानता हूं, तो मेरी कोशिश यही थी कि मैं इनकी कुर्बानी को सही ढंग से दर्शा सकूं। मैंने दो किस्म की तैयारियां की। पहले तो आप उनकी दिमागी प्रेम करते हैं और दूसरी शारीरिक तैयारी होती है कि जो वह इंडियन आर्मी में थे, तो उनकी बॉडी लैंग्वेज कैसी होनी चाहिए। मैं विक्रम के जुड़वा भाई को बहुत पहले से जानता था।