आरोप प्रथम दृष्टया नहीं बने तो ही अग्रिम जमानत : सुप्रीम कोर्ट
चुनाव में वोट न देने पर किया गया जातिसूचक अपमान,एफआईआर में दर्ज आरोप होंगे निर्णायक
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST Act) के तहत अग्रिम जमानत को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि इस अधिनियम में अग्रिम जमानत तभी दी जा सकती है, जब प्रथम दृष्टया यह साबित हो कि कोई अपराध घटित नहीं हुआ है।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस के वी. चंद्रन और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच ने यह निर्णय सुनाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें एक आरोपी को अग्रिम जमानत दी गई थी। आरोपी पर शिकायतकर्ता को जातिसूचक शब्दों से सार्वजनिक रूप से अपमानित करने, लोहे की छड़ से मारने और घर जलाने की धमकी देने का आरोप था।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?