इंग्लैंड के खिलाफ जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम के अनुभवी ओपनर केएल राहुल ने अपनी टेक्निक से सभी को खूब प्रभावित किया
इंग्लैंड के खिलाफ जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम के अनुभवी ओपनर केएल राहुल ने अपनी टेक्निक से सभी को खूब प्रभावित किया है। सीरीज में खेली लगभग हर एक पारी में नई गेंद के सामने राहुल दीवार बनकर खड़े हुए हैं। यही वजह रही है कि भारतीय टीम के मध्यक्रम ने मौजूदा सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया है।
राहुल सीरीज की 6 पारियों में 62.50 की औसत से 375 रन बना चुके हैं। वह सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने वाले छह बैटर्स में इकलौते टॉप-3 में बैटिंग करने वाले खिलाड़ी हैं। यह केवल इस सीरीज की बात नहीं है। 33 साल के राहुल हालिया वर्षों में विदेश में भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके टेस्ट करियर की 10 में से 9 सेंचुरी विदेशी जमीन पर हैं।
हालांकि, मौजूदा समय में भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ माने जाने वाले राहुल का करियर औसत सिर्फ 35.26 का है, जो उनके प्रदर्शन से बिल्कुल भी मेल नहीं खाता है। मौजूदा समय में टॉप-6 भारतीय बैटर्स में राहुल का औसत सबसे कम है। हालांकि, केवल औसत से उनके योगदान का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल होगा क्योंकि उनका बल्ला ऐसे मैचों में चलता है, जहां अधिकांश बैटर्स फेल हो जाते हैं।
यही वजह है कि बेहद सामान्य करियर औसत के बावजूद वह टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज हैं। लेकिन इस बीच यह समझना भी जरूरी हो जाता है कि आखिरी एक दशक से भी ज्यादा समय से भारत के लिए खेल रहे राहुल का औसत इतना कम क्यों है? आइए इसके कारणों के बारे में जानते है…