जनजातीय गौरव भीमा नायक ने भीलों के स्वतंत्रता प्रिय स्वाभिमान को बनाए रखा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनजातीय गौरव और स्वतंत्रता सेनानी, भीमा नायक के बलिदान दिवस पर सादर श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज के अधिकारों और अस्मिता के रक्षार्थ उनका संघर्ष हमें देश भक्ति की प्रेरणा प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के गौरव भीमा नायक के 148वें बलिदान दिवस पर, बड़वानी जिले के ग्राम धाबा बावड़ी में हुई श्रंद्धाजलि सभा कार्यक्रम के लिए जारी संदेश में कहा कि भीमा नायक प्रदेश के गौरवशाली इतिहास का अभिन्न अंग हैं। आजादी की लड़ाई में भीमा नायक ने जनजातियों को अंग्रेजों के विरुद्ध संगठित किया। सुरसी बाई भील, भीमा नायक की माता जी थी, उन्होंने ही भीमा नायक और जनजातीय समाज को अंग्रेजों के विरुद्ध एकजुट करने की प्रेरणा दी। शहीद भीमा नायक का कार्य क्षेत्र बड़वानी रियासत से महाराष्ट्र के खानदेश तक फैला था। तात्या टोपे के निमाड़ आगमन पर भीमा नायक ने उनसे मुलाकात की थी। अंबापानी युद्ध में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। भीमा नायक ने भीलों के स्वतंत्रता प्रिय स्वाभिमान को बनाए रखा, उन्होंने अंतिम क्षणों तक कोई समझौता या समर्पण नहीं किया। सलोदा नामक स्थान पर अंग्रेजों से युद्ध के दौरान धोखे से उन्हें बंदी बनाया गया। मंडलेश्वर किले में बंदी रखने के बाद उन्हें कालापानी कैद में डाल दिया गया। लम्बी प्रताड़ना सहने के बाद वे जेल में ही वीरगति को प्राप्त हुए।