औद्योगिक विकास के प्रयासों में नर्मदापुरम को मिली अपार सफलता : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
नर्मदापुरम के विकास का केंद्र बनेगा औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई
नर्मदापुरम का कर्मशील मानव संसाधन औद्योगिक विकास में बनेगा सहायक
मुख्यमंत्री ने मोहासा में विद्युत एवं नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण पार्क सहित नवीन इकाइयों का किया भूमि-पूजन
भोपाल : संशोधित
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई समूचे नर्मदापुरम के विकास का केंद्र बनेगा। सतपुड़ा का यह क्षेत्र आज नया इतिहास रचने जा रहा है। औद्योगिक विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से नर्मदापुरम आरआईसी में अपार सफलता प्राप्त हुई है। आरआईसी से मोहासा-बाबई सौर ऊर्जा पार्क की भूमि 227 एकड़ से बढ़कर 884 एकड़ हो गई। आरआईसी में 20 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भूमि आवंटन-पत्र भी वितरित किये गये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई में आयोजित विद्युत एवं नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण क्षेत्र में इकाइयों के भूमि-पूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
भूमि-पूजन समारोह में लोक निर्माण विभाग एवं नर्मदापुरम जिले के प्रभारी मंत्री श्री राकेश सिंह, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, सांसद श्री दर्शन सिंह चौधरी, राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया, विधायक डॉ सीतासरन शर्मा, विधायक सोहागपुर श्री विजयपाल सिंह, विधायक सिवनीमालवा श्री प्रेम शंकर वर्मा तथा प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश औद्योगिक निवेश एवं प्रोत्साहन विभाग श्री राघवेन्द्र सिंह सहित अन्य जन-प्रतिनिधि, विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में जनसमूह उपस्थित रहा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नया इतिहास रचने जा रहा है। इस औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयों द्वारा लगभग 2 हजार करोड़ रूपये से अधिक का निवेश किया जा रहा है। इससे सोहागपुर, इटारसी, सिवनीमालवा, पिपरिया, पचमढ़ी के स्थानीय युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा और रोजगार के लिए होने वाला पलायन इन क्षेत्रों से रुकेगा। आरआईसी में किये जा रहे निवेश के कारण महज 2 से 3 वर्षों में ही संपूर्ण नर्मदापुरम क्षेत्र का आर्थिक परिदृश्य बदलेगा। नर्मदापुरम की कर्मशील जनता औद्योगिक विकास में सहायक बनेगी। नर्मदापुरम वन संपदा, भू-संपदा, बेहतर रोड और रेल कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं के साथ औद्योगिक विकास के लिए सबसे अनुकूल हैं।