आखिर क्यों हमेशा से ही विवादों में रहा ईरान का परमाणु कार्यक्रम
ईरान। ईरान का परमाणु कार्यक्रम दशकों से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का केंद्र बिंदु रहा है। इसकी वजह केवल इसके संभावित सैन्य उपयोग नहीं, बल्कि ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव है। वर्तमान में संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) को फिर से बहाल करने की कोशिशें की जा रही हैं।
एक ऐतिहासिक नजर
1950 का दशक : ईरान का परमाणु कार्यक्रम 1950 के दशक में शुरू हुआ, जब अमेरिका के ओटाम आफ पीस कार्यक्रम के तहत ईरान को परमाणु तकनीक दी गई। इसके बाद 1970 के दशक में, शाह रेजा पहलवी के शासनकाल में ईरान ने परमाणु ऊर्जा को विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त किया। इसके बाद 1979 की इस्लामिक क्रांति में शाह के पतन और इस्लामिक क्रांति के बाद, पश्चिमी देशों के साथ ईरान के संबंध खराब हो गए। इसके बाद, परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच अविश्वास बढ़ता गया।
वहीं 2002 में, नातांज और अराक में गुप्त परमाणु सुविधाओं का पता चलने के बाद ईरान पर परमाणु हथियार विकसित करने का आरोप लगाया गया।