नवजात शिशुओं की मौत, शवों की पहचान के लिए उठी डीएनए की मांग
झांसी। झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (नीकू) में लगी आग से 10 मासूम बच्चों की मौत ने परिजनों को जिंदगी भर ना भुलाने वाला दर्द दे दिया है। पीड़ित परिजनों का कहना है कि मेडिकल प्रशासन की लापरवाही इस घटना की मुख्य वजह है। इतना ही नहीं परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन उन्हें सही जानकारी नहीं दे रहा है। आग लगने के बाद जिन बच्चों को बचाया गया, उनके बारे में भी कोई सही सूचना नहीं दी जा रही है। टैग हटने के कारण परिजन अपने बच्चों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं। कई लोगों ने डीएनए परीक्षण की मांग उठा दी है।
आग लगने के दौरान परिजन अफरा-तफरी में बच्चों को बचाने के लिए दौड़े पड़े। कुछ बच्चों को निजी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है। लेकिन अब यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि कौन सा बच्चा किसका है। एक पिता ने आरोप लगाया कि उनके बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया, लेकिन शव नहीं सौंपा गया। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में शॉर्ट सर्किट जैसी घटना पहले भी हुई थी, लेकिन इन घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया गया।